Top 10 Ad Networks to Monetize Your Website and Boost Earnings 2024

 Top 10 Ad Networks to Monetize Your Website and Boost Earnings Introduction: As a website owner, monetizing your platform through advertisements can be an effective way to generate revenue. By partnering with reliable ad networks, you can maximize your earnings while providing relevant content to your audience. In this blog post, we will explore the top 10 ad networks that can help you monetize your website and boost your income. Google AdSense: Google AdSense is one of the most popular and widely used ad networks. It offers a user-friendly interface, a vast pool of advertisers, and a variety of ad formats to choose from. AdSense provides relevant ads based on your website's content and pays you for clicks or impressions. Media.net: Media.net is a leading contextual advertising network that specializes in delivering targeted ads. It powers the Yahoo! Bing Network and offers high-quality ads with competitive rates. Media.net supports various ad formats, including display, native, a

Mobile Repairing मोबाइल रिपेयर कैसे करे

Mobile Repairing मोबाइल रिपेयर कैसे करे


 मोबाइल फ़ोन का तो आजकल फैशन सा हो गया है।  छोटा हो या बड़ा सबके पास मोबाइल फ़ोन मिल जाते है।  जितने लोग कपडे नहीं बदलते उससे ज्यादा मोबाइल को बदलते रहते है।  मोबाइल फ़ोन का ऐसा नशा चढ़ा है जो शायद ही जल्दी उतरने वाला हो।  इंटरनेट की कनेक्टिविटी तो आग में घी का काम कर रही है।  छोटे से लेकर बड़े लगभग सभी काम मोबाइल फ़ोन से ही हो जाते है।  आखिर मोबाइल है तो क्या हुआ,  है तो एक इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस ही।  इसलिए इसमें खराबी भी होती है कुछ छोटी तो कुछ बड़ी। जो मोबाइल फ़ोन की रिपेयरिंग का काम करते है वह अच्छा पैसा कमाते है।  मुँह माँगा चार्ज लेते है।  और लोग देते भी है। 

Mobile Repairing Tricks

मोबाइल रिपेयर कैसे करे।  यह कैसे पता लगाये की खराबी कहाँ से है।  और उसको ठीक कैसे करे यह सारी जानकारी आपको यहाँ पर मिलेगी।  अगर इस जानकारी से आपको कोई मदद मिलती है तो आप इतना काम तो कर ही सकते है  इस ब्लॉग के साथ जुड़ कर इसे सोशल साइट पर  शेयर और लाइक   कर के। 


मै  आपको यह बता दू की मोबाइल रिपेयरिंग करने के लिए सबसे पहले बेसिक कॉम्पोनेन्ट की जानकारी होनी चाहिए।  क्युकी जब तक आप कॉम्पोनेन्ट के बारे में नहीं जानते है तब तक यह कैसे पता करोगे की किस कॉम्पोनेन्ट का क्या काम होता है उसकी सही स्थिति क्या है और ख़राब होने पर स्थिति क्या होती है। 
बहुत से मोबाइल रिपेयर करने वाले लोग फ़ोन में फाल्ट को ढूढ़ हि नहीं  पाते इसके अलावा यदि उस फ़ोन का सर्किट डायग्राम भी हो तब भी बिना पहचान के सर्किट ट्रेसिंग में समस्या होती है। 

मोबाइल फ़ोन में इस्तेमाल होने वाले महत्वपूर्ण कम्पोनेट और उनकी पहचान , टेस्टिंग जो आपकी काफी मदद करेंगे।  


रेजिस्टेंस (Resistor)→ यह कॉम्पोनेन्ट सर्किट में बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है . रेजिस्टेंस  करंट के बहाव को कम कर देता है।  वोल्टेज को ड्राप करके सर्किट को उसके अनुसार वोल्टेज देता है। यह मुख्यतः काले रंग के छोटा सा कॉम्पोनेन्ट होता है इनकी वैल्यू इनके ऊपर ही लिखो रहती है और इसको अंग्रजी के बड़े अक्षर R से दर्शाया जाता है सर्किट में R लिखा है इसका मतलब वहाँ  रेजिस्टेंस लगी है।  इनको ओह्म इकाई से मापा जाता है।  रेजिस्टेंस की वैल्यू जितनी ज्यादा होगी वह उतनी ही कम  वोल्टेज को पास करेगा।   यह 1000 ओह्म = 1K , 1000 K = 1M  ohm  के हो सकते है।  
मोबाइल सर्किट में प्राय यह ओपन हो जाते है।  जिसके कारण जिस सेक्शन को यह सप्लाई देता वह काम करना बंद कर देता है।  इसके अलावा इसकी वैल्यू बढ़  जाती है तो इसके साथ जुड़े सर्किट को सप्लाई या तो मिलती नहीं है या बहुत कम मिलती है। हॉट टेस्टिंग में ( ओन मोबाइल में ) मल्टीमीटर को DC रेंज पर रख कर रेजिस्टेंस को चेक किए जाता है  मोबाइल सर्किट में रेजिस्टेंस के दोनों सिरो पर वोल्टेज मिलनी चाहिए यदि एक सिरे पर वोल्टेज है और दूसरे सिरे पर नहीं तो रेजिस्टेंस ओपन  है 
मोबाइल में ज्यादातर कम वैल्यू की या फ्यूजएबल रेजिस्टेंस ही ख़राब होती है।  यदि आपके पास उस वैल्यू की रेजिस्टेंस नहीं \है तो आप वह जम्पर लगा कर काम चला सकते है।  
(ध्यान रहे ज्यादा मान वाले रेसिस्टेंस पर जम्पर काम नहीं करेगा बल्कि उससे जुड़ा सर्किट को ज्यादा सप्लाई मिलने से वह शार्ट भी हो सकता है। )
 जम्पर देने का मैंने कारण यह भी है की अभी मार्किट में SMD के Spare Component उपलब्ध नहीं है।  


क्वाइल (Coil) → सर्किट में जहाँ क्वाइल लगी  होती है वह L लिखा होता है।  जैसे L20 , L102,  L547 आदि। यह देखने में काले या भूरे रंग के थोड़े बड़े आकर के होते है मोबाइल में सप्लाई देने पर क्वाइल के दोनों सिरो पर वोल्टेज होनी चाहिए यदि एक सिरे पर है और दूसरे सिरे पर नहीं तो इसका मतलब वह ओपन है।    ख़राब स्थिति में यह ओपन हो जाते है। उनकी जगह आप जम्पर लगा कर काम चला सकते है 

  
कन्डेंसर या कपैसिटर (Condenser)→ इस कॉम्पोनेन्ट का उपयोग भी सर्किट में बहुत ज्यादा होता है।  इसका काम DC करंट को फ़िल्टर करना होता है।  क्युकी यह अपने अंदर से AC करंट को गुजरने देता है और DC को अपने अंदर स्टोर कर लेता है।  यही कारण है की इसको फ़िल्टर कपैसिटर भी कहते है।  कपैसिटर दो तरह के होते है पहला पोलर जिसमे नेगेटिव और पॉजिटिव पोल होते है।  और दूसरा जिसमे कोई पोल नहीं होता है।  यह भूरा , पीला और काले रंग के होते है। यह शार्ट, ओपन और लिकी हो जाते है जिससे उनसे जुड़े सर्किट काम नहीं करते है।  यहाँ आप जम्पर नहीं लगा सकते इसके लिए आपको वैल्यू का कपैसिटर ही लगाया जाता है।  इसको फैरड में नापते है और C से दर्शाया जाता है।  इनकी वैल्यू इन्ही पर अंकित होती है  जैसे 1u0 लिखा है तो इसका मतलब यह 1 माइक्रो फैराड का कपैसिटर है इनकी टेस्टिंग पीसीबी पर लगे लगे मुश्किल होती टेस्टिंग के लिए इनको पीसीबी से अलग करना पड़ता है।  


डायोड या कंट्रोलर (Diode) → डायोड  सर्किट में सिग्नल को अलग करने और AC को DC  में बदलने और प्रोटेक्शन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। डायोड को मोबाइल सर्किट में V से दर्शाया  जाता है।  यह काले रंग के होते है। यह करंट को एक तरफ से ही गुजरने देते है।  इस लिए इनको उल्टा लगाने पर यह काम नहीं करते है।  डायोड शार्ट और ओपन हो जाते है।  मल्टीमीटर से टेस्ट करने पर एक तरफ से कुछ Continuity दिखता  है और दूसरी तरफ से बिलकुल भी नहीं तो डायोड सही है।  अगर दोनों तरफ से बीप दे रहा है तो डायोड शार्ट है।  


फ्यूज (Fuse) → यह सर्किट के शार्ट होने पर होने फ्यूज होकर सुरक्षा देता है।  यह तभी खराब होते है जब सर्किट में शॉर्टिंग या ओवरफ्लो होता है।  इनकी जगह जम्पर लगा कर काम कर सकते है लेकिन ध्यान रहे पहले सर्किट में शॉर्टिंग को ख़त्म कर दे नहीं तो फ्यूज बार बार ओपन हो जायेगा।


स्पीकर या एअर फ़ोन(Ear Phone) → मोबाइल फ़ोन में स्पीकर के काम न करने के बहुते से फॉल्ट्स आते है।  ज्यादातर स्पीकर ही ख़राब होता है उसके लिए आप स्पीकर को बदल कर दूसरा लगा दे मल्टीमीटर से स्पीकर को चेक करने के लिए मीटर को बीप रेंज पर रख कर स्पीकर के दोनों पॉइंट पर प्रोब को लगाये यदि मीटर बीप करता है तो स्पीकर सही है नहीं तो स्पीकर खराब है . यदि स्पीकर सही है तो स्पीकर के टिप्स या पॉइंट को साफ़ करे, यदि फिर भी समस्या है तो टिप्स के साथ लगे कॉम्पोनेन्ट जिसमे कपैसिटर, क्वाइल ख़राब हो सकते है सबकुछ सही है फिर भी स्पीकर में आवाज नहीं है तो साउंड लाने वाली आईसी या कंट्रोलर की सप्लाई को चैक करे या आईसी को बदले।  

  
माइक(Mic) → माइक का काम आवाज को पकड़ कर उसको ट्रांस्मिट करना होता है।  इसके खरबन होने पर बोलने वाले की आवाज़ दूसरी तरफ नहीं पहुचती है।  इसकी टेस्टिंग भी स्पीकर की तरह है।  


 ऊपर दी गई जानकारी के द्वारा आपको मोबाइल रिपेयर करने में कुछ सहायता जरूर मिलेगी ऐसी ही मै  आपको मोबाइल रिपेयरिंग के टिप्स बताता रहूँगा यदि आप सारे लेख आसानी से प्राप्त करना चाहते है तो सब्सक्राइब जरूर करे आप चाहे तो फेसबुक पेज को लाइक कर के सभी लेटेस्ट जानकारी अपने फेसबुक पर प्राप्त कर सकते है।  साथ ही कमेंट करना न भूले। 

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