नेटवर्किग के लिए कई हार्डवेयर इस्तेमाल होते है।
सर्वर Server
ऐसा कंप्यूटर जो अपने से जुडे हुए कंप्यूटरों की सूचनाएं उपलब्ध कराता है सर्वर कहलाता है। जैसे वेब सर्वर, मेल सर्वर और
LAN सर्वरा। टिपिकल सर्वर वह कंप्यूटर सिस्टम है जो नेटवर्क में लगातार चलता रहता है और नेटवर्क से जुड़े अन्य कंप्यूटरों द्वारा सेवाएं मांगने का इंतजार करता है। कई सर्वर इस भूमिका के प्रति समर्पित रहते है लेकिन कुछ ऐसे भी होते है जिनका इस्तेमाल अन्य कार्यों के लिए भी किया जा सकता है। उदाहरण के लिए एक छोटे आँफिस में एक बड़ा डैस्कटॉप कंप्यूटर एक व्यक्ति के लिए डेस्कटॉप वर्कस्टेशन की तरह और वाकी कंप्यूटरों के लिए एक सर्वर की तरह कार्य कर सकता है।
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सर्वर फिजिकली' आजकल आम उपयोग में आने वाले कंप्यूटर की तरह ही होते है हालांकि यदि वे सर्वर को भूमिका के प्रति समर्पित है तो उनका हार्डवेयर संघटन इस भूमिका पर खरा उतरने के लिए थोड़ा भिन्न हो सकता है। हार्डवेयर ज्यादातर जैसे की होते है जो स्टैंडर्ड कप्यूटर में इस्तेमाल होते है हालांकि सर्वर के सॉफ्टवेयर डेस्कटॉप कंप्यूटर और वर्कस्टेशन में इस्तेमाल होने वाले सॉफ्टवेयर की अपेक्षा काफी अलग होते हैं।
सर्वर हार्डवेयर रिसॉसेज का मेजबान होता है। इन्हें वह क्लाइंट कंप्यूटरों को नियत्रण और शेयर करने के लिए उपलब्ध कराता है। जैसे प्रिंटर (प्रिंट सर्वर) और फाइल सिस्टम (फाइल सर्वर ) । यह शेयरिंग एक्सेस कंट्रोल और सिक्योरिटी के लिहाज से काफी अच्छी होती है और हार्डवेयर के डुप्लीकेशन से बचाकर खर्चा भी काफी कम कर देती है।
नेटवर्क इंटरफेस कार्ड Network Interface Card
एक नेटवर्क कार्ड, नेटवर्क एडैप्टर अथवा NIC (Network Interface Controller ) कंप्यूटर हार्डवेयर का एक सूत्र होता है जो एकं कंप्यूटर नेटवर्क में जुडे कंप्यूटरों को एक दूसरे से Communicate करने की सुविघा देता है। '
जब कोई नैटवर्क इंटरफेस कार्ड बनता है तो उसे एक यूनीक हार्डवेयर एड्रेस दिया जाता है। जब information भेजी अथवा रिसीव की जाती है तो हार्डवेयर का एड्रेस नेटवर्क इंटरफ़ेस कार्ड को पहचानने में मददगार होता है। अलग अलग तरह के Operating System के लिए नेटवर्क इंटरफेस कार्ड ड्राइवर के साथ आता है। ड्राइवर एक Software होता है जिसके जरिए ऑपरेटिंग सिस्टम नेटवर्क इटरर्फस कार्ड के बीच सूचनाओं का आदान प्रदान करता है। नेटवर्क इंटरफ़ेस कार्ड ठीक से कार्य करे इसके लिए जरूरी है कि सही ड्राइवर इंस्टॉल किया जाए। यदि ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर ने नेटवर्क इंटरफेस कार्ड जोड़ने के बाद अपने आप ड्राइवर को इंस्टॉल नहीं करा तो आपको ड्राइवर की Manual Install करना होगा।
वायरलेस नेटवर्क इंटरफ़ेस कंट्रोलर (WNIC) एक नेटवर्क कार्ड है जाँ रेडियों बेस्ड कंप्यूटर नेटवर्क से जुड़ा होता है यह आम नेटवर्क इंटरफेस कार्ड NIC की तरह वायर बेस्ट नेटवर्क से जुड़ा नहीं होता है।WNIC Wireless Desktop Computer के लिए एक आवश्यक उपकरण है। यह Card Microwave के माध्यम से Communicate करने के लिए एक Antenna का इस्तेमाल करता है।
स्विच Switch
नेटवर्क स्विच (अथवा सिर्फ स्विच) एक नेटवर्क डिवाइस है जो हार्डवेयर की स्पीड तक ट्रसिंपेरेटै बिजिंग बनाता है। आम हार्डवेयर में स्विच शामिल होते हैं जो प्रति सेकंड 10 , 100 अथवा 1000 मैगाबिट पर कनेक्ट हो सकते हैं। ये हाफ और फुल डूप्लेक्स के रूप में होते हैं। हाफ डुप्लेक्स से मतलब है कि एक समय में उपकरण डाटा रिसीव कर सकता है या भेज सकता है। जबकि फूल डूप्लेक्स में उपकरण एक ही समय में डाटा भेज भी सकता है और रिसीव भी कर सकता है। स्विच को हब के स्थान पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
जब किसी नए यूजर को जोड़ने के लिए अथवा और जटिल एप्लीकैशन के लिए किसी नैटवर्क को बनाया जाना है तो हो सकता है कि नेटवर्क जितनी सूचनाओ को ट्रासफर करने की क्षमता रखता हो उससे ज्यादा सूचनाएं उसमें ट्रासफर होने के लिए तैयार हों। ऐसै में स्वाभाविक है कि नेटवर्क या तो धीमे काम करेगा या उसमें कोई अन्य दिक्कत पैदा हो जाएगी। इससे बचने के लिए और नेटवर्क की क्षमता को बढाने के लिए ओवरलोड नैटवर्क में हब को स्विच से रिप्लेस कर देते हैँ। आमतौर पर इस रिप्लेसमेप्टे के दोरान नेटवर्क के अन्य घटकों जैसे कि केवल सिस्टम को रिप्लेस करने की जरूरत नही होती।
सुरक्षा Security
स्विच यह तय करने में मदद करते है कि जो सूचनाएं नेटवर्क के जरिए शिफ्ट हो रही है वे सुरक्षित रहे । हब नेटवर्क के हर कंप्यूटर को सूचनाये ट्रासफर कर देता है जबकि स्विच में ये बनाए केवल वांछित रिसीवर को ही उपलब्ध होती हैं।
राऊटर स्विच Router Switch
कुछ स्विच राउर्टिंग स्विच कहलाते हैं। इनमें राऊटर जैसी क्षमताएं होती हैं। राउर्टिंग स्विच नेटवर्क के किसी स्थान पर भेजी जाने वाली सूचनाओं का पहचान कर उन्हें रास्ता दिखाते है। इसके अलावा राउर्टिंग स्विच में यह क्षमता भी होती है कि वे सूचनाओं को उनकी मजिल तक पहुचने का सबसे सही रास्ता खोजकर उसी रास्ते में सूचनाएं भेजें।
Repeater
Repeater Electronics उपकरण होते हैं जो मंद अथवा निम्न स्तर के सिगनल को रिसीव कर उन्हें उच्च स्तर अथवा उच्च शक्ति का बनाकर भेजते है ताकि सिगनल लम्बी दूरी को बिना किसी वाधा के तय कर सके । ये LANs में Segments को Interconnect करने के लिए इस्तेमाल होते हैं और WAN ट्रांसमिशन को बढ़ा देते हैं। केबल में एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते जाते सिग्नल कमजोर पइ जाते हैं। इसे आमतौर पर Attenuation कहा जाता है। रिंपीटर उन समस्याओँ से बचाते है जो सिग्नल के कमजोर पड़ने से पैदा होती हैं।
Repeater का इस्तेमाल नेटवर्क में कंप्यूटर उपकरणों को एक दूसरे से जोड़ने वाली केबल की लम्बाई बढ़ाने के लिए किया जाता है। रिपीटर उस समय बहुत ही उपयोगी साबित होते है जहाँ कंप्यूटरों को एक दूसरे से जोड़ने के लिए काफी लंबी जरुरत होती है जैसे एक की बड़े मालगोदाम के नेटवर्क में।
ब्रिज Bridge
ऐसा उपकरण जो दो नेटवर्कों को एक बड़े Logical Network के रूप में जोड़ देता है ताकि उनके बीच सूचनाओ का आदान-प्रदान हो सके।
ब्रिज छोटे नेटवर्कों को आपस में जोड़ने के लिए काम आते हैं ताकि वे सभी नेटवर्क संयुक्त रूप से एक बड़े नेटवर्क के रूप में कार्य कर सकें।
ब्रिज एक व्यस्त नेटवर्क को छोटे छोटे हिस्सों में बांटने में भी काफी मददगार साबित होता है। व्यस्त नेटवर्क को बाटने की जरुरत तब होती है जब नेटवर्क के ट्रैफिक को कम करना हो। एक ब्रिज नेटवर्क इस हिस्से की वाकी के हिस्सों से अलग रख सकता है।
राउटर Router
राउटर वह कंप्यूटर नैटवर्क उपकरण है जो नेटवर्क में कहीं से भी डाटा को कही भी 'भेज सकता है। उसकी इस पूरी प्रक्रिया को राउटिंग कहते है।
राउटर दो या दो से अधिक नेटवर्कों के बीच एक जंक्शन की तरह कार्य करता है ताकि उनके बीच डाटा के पैकेट इधर से उधर हो सकें। राउटर स्विच का ही एक भिन्न रूप है। स्विच उपकरणों को जोड़ते है ताकि एक लोकल एरिया नेटवर्क बन सके राउटर और स्विच के विभिन्न कार्यों की समझने का सबसे आसान तरीका है कि स्विच को पड़ोस की सड़कें मान लें और राउटर को सड़क के चिन्हो से बने हिस्से। .
एक बड़े नेटवर्क में एक से ज्यादा रूट हो सकते है जिनके जरिए सूचनाएं अपनी मंजिल तक पहुच सकें। कुछ राउटर ऐसै भी होते है जो अपने आप पता लगा लेते है कि नेटवर्क के फला हिस्से में कुछ गड़बड़ है या वह
काफी स्लो है। ऐसे में राउटर कोशिश करता है कि सूचना को समस्याग्रस्त एरिया से न भेजकर किसी दूसरे रास्ते सै- उसकी मजिल तक भेजा जाए ताकि नेटवर्क में गड़बड़ी का कम से कम असर हो। राउटर को बुद्धिमान कहा जाता है क्योकि वे भाप लेते है कि किसी सूचना को उसकी मंजिल तक पहुचाने का सबसे अच्छा रास्ता कौन सा होगा।
राउटर के प्रकार Types of Routers
ज्यादातर राउटर सूचनोओं के लिए सबसे अच्छे रास्ते की अपने आप भाप लेते हैं। पुराने राउटर जिन्हें Static Router कहा जाता है के साथ काम करते समय Network Administrator को राउटर को मैनुअली बताना होता था कि हर रूट की Information रखे। जबकि नए राउटर जिन्हें Dynamic Router कहा जाता है अपने आप नेटवर्क में उपलब्ध समी रूटों को टेबल तैयार कर उसे मेटेन करता रहता है।
बाइड एरिया नेटवर्क (WAN) Wide Area Network
राउटर Local एरिया नैटवर्क को वाइड एरिया नैटवर्क से जोड़ने में काफी मददगार होते हैं। राउटर वाइड एरिया नेटवर्क को Segment में बाटने में भी मददगार होते हैं। इससे नेटवर्क में दौड़ने वाली सूचनाओं की मात्रा घटने में मदद मिलती है और WAN की दक्षता बनी रहती है।
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