Top 10 Ad Networks to Monetize Your Website and Boost Earnings 2024

 Top 10 Ad Networks to Monetize Your Website and Boost Earnings Introduction: As a website owner, monetizing your platform through advertisements can be an effective way to generate revenue. By partnering with reliable ad networks, you can maximize your earnings while providing relevant content to your audience. In this blog post, we will explore the top 10 ad networks that can help you monetize your website and boost your income. Google AdSense: Google AdSense is one of the most popular and widely used ad networks. It offers a user-friendly interface, a vast pool of advertisers, and a variety of ad formats to choose from. AdSense provides relevant ads based on your website's content and pays you for clicks or impressions. Media.net: Media.net is a leading contextual advertising network that specializes in delivering targeted ads. It powers the Yahoo! Bing Network and offers high-quality ads with competitive rates. Media.net supports various ad formats, including display, native, a...

एसएमपीएस पावर सप्लाई का सिद्धांत | smps block diagram and working



एसएमपीएस पावर सप्लाई का सिद्धांत |
smps block diagram and working 




The principle of SMPS power supply – हर प्रकार की पावर सप्लाई का आउटपुट उसको दिए गए मान यानी इनपुट पर निर्भर करता है। यानी इनपुट का मान जैसे जैसे कम ज्यादा होगा पावर सप्लाई का आउटपुट भी वैसे वैसे कम या जायदा होगा। यदि किसी तरह से इनपुट के मान को स्थिर कर दिया जाए तो आउटपुट स्थिर हो जायेगा। परिभाषा : एसएमपीएस ठीक इसी सिद्धांत पर काम करता है।


how to repair smps in hindi | smps pdf in hindi | smps kya hai in hindi | smps full form in hindi | regulated power supply in hindi | smps working | types of smps | smps power supply repair tips in hindi |



एसएमपीएस पावर सप्लाई का सिद्धांत regulated power supply in hindi


1. इसमें सबसे पहले मेन इनपुट एसी को डायोड रेक्टिफिएर के द्वारा ज्यादा मान की D.C में बदला जाता है।


2. फिर इस DC को फ़िल्टर कपैसिटर के द्वारा फ़िल्टर करके स्मूथ DC प्राप्त की जाती है।


3. इस तरह से प्राप्त की गई डीसी सप्लाई स्विचिंग ट्रांजिस्टर को दी जाती है, जो कंट्रोल सर्किट की सहायता से इसे बहुत तेज गति से ऑन/ऑफ करता है।


4. यह कंट्रोल सर्किट हाई फ्रीक्वेंसी (15 to 20 kHz) पर स्क्वायर पल्सेस जनरेट करता है।



5. यह पल्सेस ट्रांजिस्टर की बेस को दी जाती है। इससे ट्रांजिस्टर ऑन ऑफ होता है। तथा दी गई dc भी इसी फ्रीक्वेंसी पर ऑन ऑफ होकर स्क्वायर पल्सो में बदल जाती है।


6. इस प्रकार प्राप्त पल्सेस छोटे आकार के ट्रांसफार्मर(T1) की प्राइमरी वाइंडिंग को दी जाती है। और इसकी सेकेंडरी वाइंडिंग पर प्राप्त वोल्टेज को रेक्टिफायर और फिल्टर करके प्राप्त किया जाता है।


आपको अच्छी तरह से समझ में आये इसके लिए चित्र में एक आसान एसएमपीएस का ब्लॉक डायग्राम दिखाया गया है।




smps block diagram and working


7. स्विचिंग मोड पॉवर सप्लाईयों में ज्यादातर एक मुख्य डीसी सप्लाई (12v/-12v) के अलावा एक कम वोल्टेज की सप्लाई भी प्राप्त की जाती है।


8. जिसकी वैल्यू 3.3v, +5v,- 5v होता है।


9. इस प्रकार प्राप्त आउटपुट वोल्टजो रेगुलेटर करने के लिए आउटपुट का एक भाग सेंस एम्पलीफायर को दिया जाता है।


10. यह सेंस एम्पलीफायर वोल्टेज की रेफ़्रेन्स वोल्टेज से तुलना करता है। यदि इनमे अंतर होता है, तो एरर वोल्टेज उत्पन्न होते हैं।


11. ये वोल्टेज, कण्ट्रोल सर्किट को दिए जाते हैं। जो एरर वोल्टेज के अनुसार स्वीचिंग ट्रांजिस्टर के ऑन समय (Duty cycle) को कंट्रोल करता है।


12. जिससे आउटपुट वोल्टेज रेगुलेटर होते हैं।


13. यदि किसी समय आउटपुट वोल्टेज बढ़ जाते हैं, तो उत्पन्न एरर वोल्टेज, स्वीचिंग ट्रांजिस्टर के ऑन समय को कम कर देते हैं।


14. और यदि आउटपुट वोल्टेज कम हो जाते हैं तो उत्पन्न एरर वोल्टेज ट्रांजिस्टर के ऑन टाइम को बढ़ा देते हैं।


15. जिससे दोनों ही स्थितियों में आउटपुट वोल्टेज रेगयुलेट हो जाती है,


16. इसके अलावा SMPS कुछ अन्य मैनेजमेंट में जैसे कम करंट पर स्विचिंग क्रिया को शुरू करना और ज्यादा करंट और वोल्टेज से सर्किट की सुरक्षा करना और आउटपुट सप्लाई को मेन सप्लाई से अलग रखना होते हैं।


17. अधिकांश एसएमपीएस में स्विचिंग के लिए एक या दो ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल किया जाता है।


18. आजकल स्विचिंग के लिए जरूरी फ्रेक्वेंसी आईसी के द्वारा प्राप्त की जाती है, और आउटपुट वोल्टेज रेगुलेशन भी आईसी के द्वारा किया जाता है।


19. इस तरह बात बिल्कुल साफ हो जाती है, कि जब एक निश्चित ट्रिगरिंग फ्रीक्वेंसी के द्वारा स्विचिंग ट्रांजिस्टर ऑन/ऑफ को कराया जाता है। तो ट्रांसफार्मर की प्राइमरी को एक निर्धारित निश्चित सप्लाई प्राप्त होती है।


20. जिससे सेकेंडरी से प्राप्त सप्लाई का मान भी स्थिर हो जाता है। इस सप्लाई को रेक्टिफायर और फिल्टर करके आउटपुट डीसी प्राप्त की जाती है। इस आउटपुट डीसी को रेग्युलेट करने के लिए स्विचिंग क्रिया को कंट्रोल सर्किट के द्वारा कण्ट्रोल किया जाता है।


एसएमपीएस में यह विशेष ध्यान रखना चाहिए कि ट्रांसफार्मर की सेकंडरी से मिलने वाली सप्लाई ही आउटपुट सप्लाई होती है। इसको इनपुट AC से बनायीं गयी डीसी Supply से अलग ही रखना चाहिए।
एसएमपीएस की विशेषता : Characteristic of SMPS


एसएमपीएस की विशेषताओं में एक विशेषता यह है की इनपुट और आउटपुट सप्लाई अलग-अलग होती हैं स्विचिंग ट्रांजिस्टर के short हो जाने पर भी Main Circuit की सुरक्षा रहती है. इससे होता यह है की किसी भी कारन से यदि स्विचिंग ट्रांजिस्टर शार्ट हो जाते है तो मैन सर्किट सुरक्षित रहता है।


अभी तक आप एसएमपीएस के सिद्धांत को समझ गए होंगे। हलाकि मेरी पूरी कोसिस यही है की आपको आसान से आसान शब्दों में बताऊ। एसएमपीएस पावर सप्लाई के बारे में आगे विस्तार से जानेगे। किसी भी जानकारी से आप चूक न जाए इसलिए हमारे सोशल अकाउंट से जरूर जुड़े।

Comments

Translate

Popular posts from this blog

Diagnostic Card Error Codes List (Debug Card) Pc Laptop Analyzer

Top 10 Ad Networks to Monetize Your Website and Boost Earnings 2024